जब हम मेडिकल करियर की बात करते हैं, तो दिमाग सीधा MBBS, BDS या Nursing पर चला जाता है। हर साल लाखों स्टूडेंट्स NEET की कोचिंग में अपनी जान लगा देते हैं कोई डॉक्टर बनने के ख्वाब के साथ, तो कोई बस मेडिकल फील्ड में कुछ करने के मकसद से।
लेकिन सच्चाई ये है कि मेडिकल की दुनिया सिर्फ डॉक्टरों तक सीमित नहीं है।
कहीं ना कहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें बॉडी parts में नहीं, बल्कि नंबरों और डेटा में दिलचस्पी होती है। जिन्हें patient से ज्यादा patient का ग्राफ समझने में मज़ा आता है। और ऐसे ही लोगों के लिए है Biostatistics का फील्ड।
सच कहूं न तो ये फील्ड थोड़ा अनजाना ज़रूर है, लेकिन इसकी वैल्यू हर हॉस्पिटल, रिसर्च सेंटर और दवा बनाने वाली कंपनी में लगातार बढ़ रही है।
Biostatistics क्या होता है?
सीधी और सिंपल भाषा में कहें तो Biostatistics मतलब मेडिकल डेटा को समझना, उसका विश्लेषण करना, और उससे कुछ ऐसा निकालना जो डॉक्टर या साइंटिस्ट को बेहतर निर्णय लेने में मदद करे।
अब सोचिए, जब कोई दवा मार्केट में आने वाली होती है, तो उससे पहले हजारों लोगों पर उसका क्लीनिकल ट्रायल होता है। हर मरीज़ का डेटा इकट्ठा किया जाता है उसका ब्लड प्रेशर क्या था, साइड इफेक्ट्स हुए या नहीं, कितने दिन में सुधार हुआ वगैरह।
लेकिन उस डेटा को देखके क्या ये दवा वाकई असरदार है? इसका जवाब कोई डॉक्टर नहीं देता।
ये काम Biostatistician का होता है।
वो statistical tools से इन सब आंकड़ों को खंगालते हैं और एक निष्कर्ष निकालते हैं कि यह दवा कितनी सुरक्षित है, किस उम्र में ज्यादा असर करती है, या किन लोगों को नहीं देनी चाहिए।
यह फील्ड मैथ्स और मेडिकल का ऐसा कॉम्बिनेशन है जो काफी लोगों को सूट करता है खासकर उन्हें जो patient की जगह patterns और probabilities में दिलचस्पी रखते हैं।
That said, अगर आपको लगता है कि Biostatistics में सिर्फ नंबर घूरना होता है, तो थोड़ा रुकिए जनाब ये फील्ड इससे कहीं ज्यादा है। इसमें observation है, curiosity है, और हां काफी ज़िम्मेदारी भी।
कौन कर सकता है Biostatistics का कोर्स?
अब सवाल ये उठता है क्या ये फील्ड हर किसी के लिए है?
Well… yes और no, दोनों।
अगर आपने 12वीं में बायोलॉजी, मैथ्स, या दोनों लिए थे, और आपको डेटा, पैटर्न और हेल्थकेयर में दिलचस्पी है, तो आप इस फील्ड के लिए एक दम सही कैंडिडेट हैं।
Biostatistics का charm ही ये है कि ये मेडिकल फील्ड के traditional रास्तों से थोड़ा अलग है इसमें न तो आपको stethoscope पकड़ना पड़ेगा, और न ही किसी का injection लगाना। लेकिन हाँ, आपकी मेहनत का असर उन दवाओं पर होगा जो लाखों लोगों की ज़िंदगी बदलती हैं।
इस कोर्स को करने के लिए आपको Hardcore Science Genius नहीं होना पड़ेगा। आपको चाहिए curiosity, एक sharp logical mind, और stats से थोड़ी दोस्ती। बस!
और हाँ, एक बात और कई लोग MBBS या BDS के बाद भी research और public health के लिए इस फील्ड को चुनते हैं। तो ये सिर्फ 12वीं के बाद शुरू करने वालों के लिए नहीं, बल्कि professionals के लिए भी एक career switch का रास्ता है।
Biostatistics के कोर्स और कॉलेज – कहां से करें शुरुआत?
अब जब दिलचस्पी बन ही गई है, तो चलिए जानते हैं इस फील्ड में entry कैसे मारी जाती है?
Biostatistics के लिए भारत में कई तरह के कोर्स मौजूद हैं। आप चाहें तो 12वीं के बाद UG लेवल से शुरुआत कर सकते हैं, या फिर Graduation के बाद PG या Diploma कर सकते हैं। यहाँ हर तरह के स्टूडेंट्स के लिए रास्ता खुला है।
प्रमुख कोर्सेस:
- B.Sc in Biostatistics – 3 साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स
- B.Sc in Statistics + Biostat specialization – अगर आपको थोड़ा ज्यादा डेटा एनालिसिस चाहिए
- M.Sc in Biostatistics / Applied Statistics – 2 साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स
- PG Diploma in Biostatistics – 1 साल, जल्दी जॉब पाने के लिए बढ़िया ऑप्शन
- MPH (Master of Public Health) with Biostats – Public health और रिसर्च के लिए
टॉप कॉलेज और संस्थान:
- AIIMS, Delhi – रिसर्च और बायोस्टैट्स दोनों का बेहतरीन मेल
- PGIMER, Chandigarh – Public health + Data expertise
- JIPMER, Puducherry – Strong biostatistics base with faculty support
- Tata Institute of Social Sciences (TISS), Mumbai – Data with impact
- Amity, Manipal, BHU, SRM – Private institutes with modern infra
मतलब साफ़ है की अगर आप सरकारी कॉलेज में दाखिला लेते हैं तो फीस बहुत कम होती है और exposure भी high level का मिलता है।
Biostatistics में जॉब, स्कोप और सैलरी
सच बताऊँ तो ज़्यादातर लोग कोर्स तो कर लेते हैं, लेकिन जब तक स्कोप और पैसे की बात ना हो decision अधूरा लगता है। इसलिए चलिए सीधा इसी पर आते हैं।
Biostatistics एक ऐसा करियर है जो Low Visibility, High वैल्यू वाला है।
कहाँ मिलती है नौकरी?
Biostatisticians की ज़रूरत हर जगह है जहाँ health से जुड़ा डेटा होता है। कुछ मुख्य जॉब सेक्टर्स:
- Pharmaceutical Companies (Sun Pharma, Cipla, Pfizer, GSK)
- Clinical Research Organizations (CROs) – जो दवाओं के ट्रायल्स करते हैं
- Hospitals & Labs – जहाँ पर patient डेटा और quality analysis होता है
- Government Research Projects – जैसे ICMR, NHM, AIIMS trials
- WHO, UNICEF जैसी International NGOs
- Data Science और Health-tech Startups
और हाँ, अगर आप थोड़ा adventurous हैं, तो Freelance Research Analyst बनकर globally भी काम कर सकते हैं।
सैलरी – कितना पैसा मिलेगा?
शुरुआत में अगर आप fresher हैं और किसी अच्छे institute से पढ़े हैं, तो ₹25,000–₹40,000 per month से शुरुआत हो सकती है।
3–4 साल का अनुभव हो तो:
- ₹60,000–₹90,000 प्रति महीना
- और अगर आपने M.Sc के बाद PhD की है या Foreign Trial Projects में काम किया है, तो ₹1 लाख+ salary मिलना आम बात है
विदेशों में (जैसे USA, UK, Germany), Biostatistician की average salary ₹6 लाख से ₹15 लाख सालाना होती है और ऊपर की कोई लिमिट नहीं।
कभी-कभी उलझन भी होती है क्या मैं सही कर रहा हूँ?
यहाँ एक सच्ची बात मान लेनी चाहिए Biostatistics हर किसी के बस की बात नहीं होती।
कई बार स्टूडेंट्स इस फील्ड में सिर्फ इसलिए आ जाते हैं क्योंकि MBBS नहीं हो पाया। लेकिन फिर उन्हें लगता है, मैं तो डॉक्टर नहीं बना, अब क्या ये भी कोई मेडिकल फील्ड है?
और वहीं से शुरुआत होती है confusion की।
To be honest, ये फील्ड डॉक्टर जितना ग्लैमरस नहीं दिखता। आपको न white coat मिलेगा, न stethoscope, न इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स बढ़ेंगे। लेकिन जो सुकून उस वैक्सीन के डेटा को analyze करने में है, जो असर किसी नए इलाज के pattern को पकड़ने में है वो priceless है।
Biostatistician बनने के लिए कौन-कौन सी Skills चाहिए?
अब सिर्फ डिग्री ले लेने से बात नहीं बनेगी। इस फील्ड में टिके रहने और grow करने के लिए कुछ खास skills चाहिए — और मैं यहाँ सिर्फ टेक्निकल बातें नहीं कर रहा।
टेक्निकल स्किल्स:
- Statistics और Probability की मजबूत पकड़
- MS Excel, SPSS, R, SAS, या Python (Pandas/NumPy) जैसे tools की जानकारी
- Clinical trial design, data validation, sampling methods वगैरह
- Data visualization (Tableau, PowerBI optional but helpful)
सॉफ्ट स्किल्स:
- Observation Power – छोटे डेटा पॉइंट्स से भी pattern पकड़ना
- Communication Skills – वैज्ञानिक बातें भी आम भाषा में explain करना
- Patience and Detail-Oriented Approach – क्योंकि डेटा जल्दी जवाब नहीं देता
- Ethical Mindset – कोई भी डेटा manipulate नहीं करना, चाहे प्रेशर कितना भी हो
और सबसे जरूरी Curiosity.
क्योंकि Biostatistics में आपको हर बार सवाल पूछने की ज़रूरत होती है, जैसे क्यों ये ग्रुप बेहतर respond कर रहा है? या क्या gender के हिसाब से इलाज का असर बदलता है?
निष्कर्ष
Biostatistics एक ऐसा करियर है जिसे बहुत से लोग जानते ही नहीं, और जो जानते हैं वो अक्सर इसे सिर्फ Plan B मानते हैं। लेकिन हकीकत में ये वो फील्ड है जो मेडिकल की scientific backbone है।
अगर आप चाहते हैं कि आपका काम ज़मीन पर लोगों की ज़िंदगी बदले, लेकिन आप डॉक्टर नहीं बन सके या नहीं बनना चाहते तो Biostatistics आपके लिए एक intelligent, purposeful और rewarding करियर बन सकता है।
यह एक ऐसा क्षेत्र है जो आपको दुनिया के सबसे बड़े मेडिकल decisions का हिस्सा बना सकता है बिना किसी ऑपरेशन थियेटर में जाए।
Social Media-Reactions:
@DataMedic24:
“पहले Biostatistics सुना तक नहीं था, अब यही मेरी dream job बन गई है! ”
@logicoverlabels:
“MBBS नहीं हुआ, तो क्या? अब WHO के साथ project पर काम कर रहा हूँ… Biostats FTW ”
FAQs
Q1. क्या Biostatistics एक सुरक्षित और स्थिर करियर है?
हाँ, Biostatistics एक fast-growing और niche फील्ड है जिसमें pharma, research और health data sectors में लगातार demand बढ़ रही है।
Q2. क्या Biostatistics में foreign job opportunities हैं?
बिलकुल! US, UK, Germany, Canada जैसे देशों में Clinical Research और Data Analysis roles में भारी डिमांड है। Indian graduates वहां आराम से apply कर सकते हैं।
Disclaimer:
इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और करियर मार्गदर्शन के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। इसमें किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या उपचार का सुझाव नहीं दिया गया है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी कोर्स या करियर निर्णय से पहले संबंधित संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट या विशेषज्ञ सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। लेखक किसी भी प्रकार की शैक्षणिक संस्था, सरकारी नीति या करियर परिणाम की जिम्मेदारी नहीं लेता।